इशांत शर्मा के लिए अहमदाबाद में होने वाला तीसरा टेस्ट मैच निजी तौर पर काफ़ी यादगार पल है। आख़िर, भारत के लिए किसी भी तेज़ गेंदबाज़ ने उनसे पहले 100 टेस्ट नहीं खेले थे। हो सकता है कि आप कपिल देव का नाम बताएँ लेकिन वो तो ऑलराउंडर थे ना। इतना ही नहीं अगर टेस्ट इतिहास को देखें तो सिर्फ़ जेम्स एंडरसन, ग्लेन मैक्ग्रा, कोर्टनी वॉल्श और मखाया एंटिन ही इशांत से पहले ऐसे 4 गेंदबाज़ रहे हैं जो सिर्फ़ तेज़ गेंदबाज़ होने के बूते 100 मैच खेले। ऑलराउंडर के तौर पर नहीं जैसा कि वसीम अकरम या फिर जैक कैलिस या स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे खिलाड़ी खेले।
इशांत-अश्विन को वो सम्मान नहीं मिला, जिसके वो हक़दार हैं!
- खेल
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- 25 Feb, 2021

श्रीनाथ-कुंबले की ही तरह इशांत-अश्विन की जोड़ी तेज़ गेंदबाज़-स्पिनर के तौर पर भले ही ग्लेन मैक्ग्रा-शेन वार्न की तरह नहीं हो लेकिन भारतीय क्रिकेट में ये एक बड़ी जुगलबंदी की मिसाल है। अहमदाबाद के पिंक बॉल टेस्ट में दोनों गेंदबाज़ों को अपने खेल और निजी रिकॉर्ड से इस मैच को साझा तौर पर यादगार बनाने का यह एक शानदार मौक़ा है।
इशांत से मेरा परिचय साल 2006 के जून महीने में बेंगलुरु के नैशनल क्रिकेट स्टेडियम में टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी लालचंद राजपूत ने कराया- ‘ये मिलो अपने दिल्ली वाले इस लंबू से जो लंबी रेस का घोड़ा दिखता है।'