आईपीएल के पहले प्ले ऑफ़ में गुजरात टाइटंस ने क्वालिफायर-1 मुक़ाबले में राजस्थान रॉयल्स को बेहद आसानी से मात दी। आख़िरी ओवर में गुजरात को 16 ओवर चाहिए थे और गेंदबाज़ी की कमान थी प्रसिद्ध कृष्णा के हाथों में लेकिन अनुभवी डेविड मिलर ने लगातार एक के बाद एक 3 छक्के जड़ दिये और हर किसी को ये संदेश देने की कोशिश की कि उन्हें हल्के में लेने का अंजाम क्या होता है। जी हाँ, मिलर को इस साल की शुरुआत में मेगा ऑक्शन में हर किसी ने हल्के में ही लिया था और इसकी वजह थी उनके खेल में निरंतरता का अभाव। लेकिन, आशीष नेहरा, जो कि गुजरात के कोच हैं, ने मिलर को अपनी लिस्ट में रखा था। नेहरा की हिदायत साफ़ थी कि मिलर को कोई नहीं पूछने वाला है, उनकी पुरानी साख़ को ध्यान में रखते हुए और इसी का फायदा उनकी टीम को उठाना है। लेकिन नेहरा की ये चाल सिर्फ़ मिलर को कम रुपये ख़र्च करके टीम में शामिल करने तक सीमित नहीं रही। फाइनल तक गुजरात को ले जाने में मिलर की भूमिका सबसे निर्णायक रही है।