अगर सिर्फ़ जादुई आँकड़ों के बूते क्रिकेट में खिलाड़ियों की महानता को संपूर्णता का दर्जा स्वाभाविक तौर से मिलने लगता तो जैक कैलिस शायद गैरी सोबर्स से ज़्यादा महान होते या फिर अगर स्पिनर की बता करें तो शेन वार्न को नहीं बल्कि मुथैय्या मुरलीधरण को इतिहास का महानतम स्पिनर कहा जाता है। लेकिन, क्रिकेट में आँकड़े आपकी महानता को एक ख़ास मुकाम तक ही ले जा पाते हैं। महानता को संपूर्णता का दर्जा पाने के लिए उसे कई कसौटियों से गुज़रना पड़ता है। महान कपिल देव के 434 टेस्ट विकेट के रिकॉर्ड का पीछा करने के बाद फिर से ये सवाल भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के ज़ेहन में आ रहा है कि क्या वाक़ई अश्विन अनिल कुंबले के बाद भारत के दूसरे सबसे शानदार गेंदबाज़ हैं।
जादुई आँकड़ों ने अश्विन की महानता को संपूर्णता दे दी?
- खेल
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- 31 Mar, 2022

अश्विन ने अब तक अपने करियर में शानदार उपलब्धियाँ हासिल की हैं लेकिन कपिल देव के इस रिकॉर्ड को पार करने के बाद उन्होंने आने वाली पीढ़ी की नज़रों में अपनी महानता का बीमा तो निश्चित तौर पर करवा लिया है।
अगर श्रीलंका के मुरलीधरण ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल करके अपना नाम इतिहास में हमेशा के लिए सुरक्षित कर लिया तो शेन वार्न को शायद अपनी महानता का लोहा मनवाने के लिए 700 विकेट के क्लब में भी जाना ज़रूरी नहीं होता। अगर वार्न ने 500 या 600 विकेट ही झटके होते तब भी उनकी महानता संपूर्ण थी क्योंकि वार्न जैसे दिगग्ज की महानता को किसी आंकड़ों के ज़रिए देखना भूल होती।