अगर सिर्फ़ जादुई आँकड़ों के बूते क्रिकेट में खिलाड़ियों की महानता को संपूर्णता का दर्जा स्वाभाविक तौर से मिलने लगता तो जैक कैलिस शायद गैरी सोबर्स से ज़्यादा महान होते या फिर अगर स्पिनर की बता करें तो शेन वार्न को नहीं बल्कि मुथैय्या मुरलीधरण को इतिहास का महानतम स्पिनर कहा जाता है। लेकिन, क्रिकेट में आँकड़े आपकी महानता को एक ख़ास मुकाम तक ही ले जा पाते हैं। महानता को संपूर्णता का दर्जा पाने के लिए उसे कई कसौटियों से गुज़रना पड़ता है। महान कपिल देव के 434 टेस्ट विकेट के रिकॉर्ड का पीछा करने के बाद फिर से ये सवाल भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के ज़ेहन में आ रहा है कि क्या वाक़ई अश्विन अनिल कुंबले के बाद भारत के दूसरे सबसे शानदार गेंदबाज़ हैं।