1987 वर्ल्ड कप के लिए एलन बोर्डर की कप्तानी और बॉब सिंपसन की कोचिंग में जिस ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारतीय उप-महाद्वीप का दौरा किया, उसको कंगारुओं ने अपने वन-डे इतिहास की सबसे कमज़ोर टीम माना था और इसलिए मीडिया दल से सिर्फ़ एक टीम आयी थी। कोई उम्मीद ही नहीं थी कि ऑस्ट्रेलिया उस टूर्नामेंट में कुछ कर भी सकता है। मशहूर क्रिकेट लेखक पीटर रॉबक ने अपनी किताब ‘इन इट टू विन इट’ में उस घटना का दिलचस्प अंदाज़ में ज़िक्र किया है जो दरअसल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के प्रभुत्व पर लिखी गई है।
ऑस्ट्रेलिया क्यों टी-20 वर्ल्ड कप चैंपियन बना?
- खेल
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- विमल कुमार
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- 15 Nov, 2021


विमल कुमार
ऑस्ट्रेलिया ने टी-20 वर्ल्ड कप अपने ही अंदाज में जीता, लेकिन क्या टीम से ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद थी? जानिए, जिस टीम से ऑस्ट्रेलियाई ही ज़्यादा उम्मीद नहीं कर रहे थे उसने आख़िर कैसे जीती चैंपियनशिप।
इत्तिफ़ाक़ से 2021 में ऑस्ट्रेलियाई टीम जब यूएई टी20 वर्ल्ड कप के लिए पहुँची तो दुनिया के तमाम मीडिया ऑस्ट्रेलिया की दावेदारी को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। आलम ये रहा कि ऑस्ट्रेलियाई अख़बार ‘सिडनी मार्निंग हेरल्ड’ में बेहद अनुभवी पत्रकार मैलकम कॉन ने तो यहां तक लिख डाला था कि मौजूदा टीम से किसी तरह की उम्मीद करना बेवकूफी होगी क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने तो टी20 फॉर्मेट को सच्चे मन से अभी तक अपनाया भी नहीं है। उनका फोकस अभी भी टेस्ट क्रिकेट और वन-डे पर है और बिग बैश लीग पर।