पिछड़ों के दम पर उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई बीजेपी अब आरक्षण में वर्गीकरण कर यादवों और कुर्मियों को छाँटने की तैयारी में है। राघवेंद्र समिति की रिपोर्ट में ऐसा प्रावधान किया गया है। पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले 27 फीसदी आरक्षण को वर्गीकृत करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने यह समिति गठित की थी। समिति की रिपोर्ट में माना गया है कि इस कोटे का सबसे ज़्यादा लाभ यादवों और कुर्मियों को मिला है लिहाज़ा उनका कोटा घटा देना चाहिए। अब सरकार में शामिल ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी योगी सरकार से पिछड़ा वर्ग आरक्षण में कोटा लागू करने की माँग तेज कर दी है।
यूपी में पिछड़ों को बाँटने की तैयारी - आरक्षण में अलग-अलग हिस्सा
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- 18 Dec, 2018
पिछड़ों के दम पर उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई बीजेपी क्या अब आरक्षण में वर्गीकरण कर यादवों और कुर्मियों को छाँटने की तैयारी में है?

सरकार के पास मौजूद इस रिपोर्ट के मुताबिक़ ओबीसी आरक्षण को 3 भागों में विभाजित किया गया है। रिपोर्ट में यादव-कुर्मी समेत 9 जातियों को 7 फ़ीसदी आरक्षण का ज़िक्र है। अति पिछड़ा वर्ग में गिरी, गूजर, गोंसाई, लोध, कुशवाहा, कुम्हार, माली, लोहार समेत 65 जातियों को 11 प्रतिशत और मल्लाह, केवट, निषाद, राई, गद्दी, घोसी, राजभर जैसी 95 जातियों को 9 प्रतिशत आरक्षण की सिफ़ारिश की गई है।