श्रीलंका में ठीक ईस्टर रविवार को प्रार्थना करते, उत्सव मनाते और ईश्वर को धन्यवाद अदा करते हुए निर्दोष श्रद्धालुओं पर जानलेवा हमलों का क्या अर्थ है? और वह भी उस देश में जहाँ इस तरह के सांप्रदायिक हमलों का इतिहास नहीं रहा है। ईसाइयों के साथ भेदभाव और मुसलमानों या बौद्धों के साथ छिटपुट झड़पों के अलावा कोई बहुत बड़ी वारदात कम से कम हाल फ़िलहाल नहीं हुई है। अलगाववादी आंदोलन और गृहयुद्ध के ख़ात्मे के बाद यह पहला हमला है, जब इतनी बड़ी तादाद में लोग मारे गए हैं। लेकिन पहले समझना होगा कि यह हमला ठीक ईस्टर रविवार को ही क्यों किया गया? इस दिन का क्या महत्व है?