श्रीलंका में तीन होटलों और दो गिर्जाघरों पर हुए 8 धमाकों में 200 से ज़्यादा लोगों के मारे जाने की वारदात के बाद लोगों का ध्यान इस देश की ओर गया, जहाँ 2009 के बाद से अमन चैन था और हमले की कोई बड़ी वारदात नहीं हुई थी। लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम यानी एलटीटीई यानी लिट्टे के साथ चले गृह युद्ध के 2009 में ख़त्म होने और उसमें तमिल टाइगर्स के पूरी तरह ख़ात्मे के बाद यह पहला बड़ा हमला है।