पंजाब की सियासत में आख़िर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ उनकी ही पार्टी के लोगों ने मोर्चा क्यों खोला हुआ है। क्या यह सिर्फ़ उनकी सियासी महत्वाकांक्षा है या फिर जो वे आरोप लगा रहे हैं, उनमें कुछ दम है।
अपने चुनावी वादे पूरे क्यों नहीं कर सके अमरिंदर?
- पंजाब
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- 6 Jul, 2021

पंजाब की सियासत में आख़िर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ उनकी ही पार्टी के लोगों ने मोर्चा क्यों खोला हुआ है।
अमरिंदर के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने वालों में पहला नाम उनकी ही हुक़ूमत में वज़ीर रहे नवजोत सिंह सिद्धू का है। सिद्धू की नाराज़गी की सबसे बड़ी वज़ह है- गुरू ग्रंथ साहिब के बेअदबी मामले के दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई न होना। इसके अलावा नशे के कारोबार का धड़ल्ले से चलना, ट्रांसपोर्ट माफ़िया के ख़िलाफ़ कार्रवाई न होना भी बड़े मुद्दे हैं।
सिद्धू, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़, पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा सहित कांग्रेस के कई विधायकों ने इन मुद्दों को पार्टी की ओर से पंजाब के झगड़े को सुलझाने के लिए बनाए गए तीन सदस्यों वाले पैनल के सामने भी रखा था।