कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में आवाज़ उठाई। राहुल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि किसान आंदोलन अभी और फैलेगा।
राहुल ने कृषि क़ानूनों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इनमें से पहला क़ानून भारत के मंडी सिस्टम को ख़त्म कर देगा जबकि दूसरा क़ानून भारत के सबसे बड़े चार-पांच बिजनेस मैन को उनके मन मुताबिक़ अनाज स्टोर करने की आज़ादी देता है और ऐसे में किसान क़ीमतों को लेकर मोल-भाव नहीं कर पाएगा और तीसरे क़ानून के मुताबिक़ किसान अपनी परेशानियों को लेकर अदालत नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि किसान इन्हीं क़ानूनों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहे हैं और सरकार मसले को सुलझाने के बजाए उनको पीट रही है, धमका रही है।
‘लाल किले में क्यों जाने दिया’
26 जनवरी को लाल किले पर सिखों का धार्मिक झंडा फहराए जाने को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को लाल किले के अंदर किसने जाने दिया और क्यों जाने दिया। क्या यह गृह मंत्रालय का काम नहीं है कि वह किसानों को वहां न जाने दे और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
राहुल ने कहा कि देश में सिर्फ चार-पांच लोगों के पास सब कुछ है जबकि बाक़ी लोगों के पास कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सब किसानों के साथ हैं और वे एक क़दम पीछे ना हटें।
वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि देश भर के किसानों को ये कृषि क़ानून अभी गहराई से समझ नहीं आए हैं, जबकि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी में किसान इसे समझ गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह नहीं सोचना चाहिए कि यह आंदोलन यहां रुकेगा, ये आंदोलन शहरों के अंदर जाएगा।
कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने कहा था कि वह किसानों के आंदोलन का 100 फ़ीसदी समर्थन करते हैं और देश के हर नागरिक को उनका समर्थन करना चाहिए और इसके पीछे कारण यह है कि वे हमारे लिए लड़ रहे हैं न कि ख़ुद के लिए।
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