कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि भारत को बोलने की अनुमति देने वाली संस्थाओं पर 'सुनियोजित हमला' हो रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे संवाद को रोका जा रहा है वैसे-वैसे 'डीप स्टेट' उन जगहों पर घुसता जा रहा है और यह उन चीजों को तय कर रहा है कि देश में संवाद किस तरह हो। डीप स्टेट का सामान्य अर्थ होता है- सत्ता का ऐसा खुफिया और अनधिकृत नेटवर्क जो अपना एजेंडा चलाने के लिए देश के राजनीतिक नेतृत्व से भी स्वतंत्र काम कर रहा हो।
राहुल गांधी ने ‘सरकारी नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोगों या एजेंसियों' के भारतीय राजनीति पर प्रभाव का भी ज़िक्र किया। वह कैंब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ एक संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। वह 'आइडियाज फॉर इंडिया' सम्मेलन में शामिल होने के बाद सोमवार को कैंब्रिज विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि जब भारत स्वतंत्र रूप से बोलता है तब भारत जीवंत होता है। उन्होंने आगे कहा कि चुप होने पर यह निर्जीव हो जाता है। उन्होंने विस्तार से आगे कहा, 'भारत को बोलने की इजाजत देने वाली संस्थाओं जैसे, संसद, चुनाव आयोग, और लोकतंत्र के मूल स्ट्रक्चर पर एक संगठन का कब्जा हो रहा है और बातचीत पर लगाम लगाई जा रही है। डीप स्टेट इन जगहों पर घुस रहा है।'
कैंब्रिज के कार्यक्रम में राहुल ने हिंदू राष्ट्रवाद, कांग्रेस पार्टी के भीतर गांधी परिवार की भूमिका और अन्य विषयों पर छात्रों से संवाद किया। विश्वविद्यालय में भारतीय मूल की शिक्षाविद डॉ. श्रुति कपिला के साथ बातचीत में राहुल ने पिछले सप्ताह के सम्मेलन के दौरान अपने द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों को दोहराया।
संवाद सत्र के दौरान, राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत के दृष्टिकोण में देश की आबादी के सभी हिस्से शामिल नहीं हैं, जो अनुचित है और भारत के विचार के खिलाफ है। उन्होंने भारत में धर्मनिरपेक्षता के बारे में एक सवाल के जवाब में यह कहा।
उन्होंने आगे कहा,
“
आपको करुणा के साथ हर एक व्यक्ति को शामिल करना होगा। श्री मोदी भारत का एक ऐसा विजन दे रहे हैं जिसमें वह हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा छोड़ रहे हैं। यह भारत का एक दृष्टिकोण नहीं है, यह एक दृष्टिकोण है भारत के एक हिस्से का।
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता ने कहा, 'आरएसएस और प्रधानमंत्री के साथ मेरी समस्या यह है कि वे भारत के मूलभूत ढांचे के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जब आप ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं, जब आप 20 करोड़ लोगों को अलग-थलग करते हैं और उनका दानवीकरण करते हैं, तो आप कुछ बेहद ख़तरनाक कर रहे होते हैं और कुछ ऐसा कर रहे होते हैं जो मौलिक रूप से भारत के विचार के ख़िलाफ़ है।'
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