सभी की निगाहें इस ओर हैं कि केंद्र सरकार के दो मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी और आरसीपी सिंह क्या केंद्रीय कैबिनेट में बने रहेंगे या दोनों इस्तीफ़ा देंगे। दोनों ही नेताओं का राज्यसभा का कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त हो रहा है जबकि 6 जुलाई यानी बुधवार को कैबिनेट की बैठक है।
मुख्तार अब्बास नक़वी को बीजेपी ने जबकि आरसीपी सिंह को इस बार जेडीयू ने राज्यसभा में नहीं भेजा।
अगर दोनों ही नेताओं को केंद्रीय कैबिनेट में बने रहना है तो उन्हें 7 जुलाई को कार्यकाल खत्म होने के 6 महीने के भीतर फिर से सांसद के रूप में चुन कर आना होगा। हालांकि 6 महीने तक वे अपने पद पर बने रह सकते हैं।
यह भी चर्चा है कि मुख्तार अब्बास नक़वी को किसी राज्य में राज्यपाल या फिर केंद्र शासित प्रदेश में एलजी बनाकर भेजा जा सकता है।
राष्ट्रपति के द्वारा राज्यसभा में मनोनीत किए जाने वाले सांसदों की 7 सीटें खाली हैं। राष्ट्रपति चुनाव के बाद इन सीटों को भरा जाना है। देखना होगा कि क्या मुख्तार अब्बास नक़वी और आरसीपी सिंह को राष्ट्रपति राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत करेंगे।
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