दूसरी ओर चिराग पासवान ने मंगलवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और सभी बागी सांसदों को पार्टी से निलंबित कर दिया।
एलजेपी के 6 में से 5 सांसदों ने बग़ावत कर दी तो चिराग पासवान पार्टी में अकेले पड़ गए। इस बीच पशुपति पारस को एलजेपी संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। उन्होंने एलजेपी के पांचों सांसदों के साथ जाकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाक़ात की थी।
कहा जा रहा है कि चिराग पासवान को हटाने के पीछे जो कारण बताया गया है उसमें 'एक व्यक्ति एक पद' के सिद्धांत का हवाला दिया गया है। चिराग पासवान पहले एलजेपी के अध्यक्ष के अलावा पार्टी के संसदीय दल के नेता और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी थे। बता दें कि पशुपति पारस एक दिन पहले ही पार्टी के संसदीय दल के नेता चुन लिए गए हैं। समझा जाता है कि अगले कुछ दिनों में चुनाव में उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुना जा सकता है।
पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा।पार्टी माँ के समान है और माँ के साथ धोखा नहीं करना चाहिए।लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूँ। एक पुराना पत्र साझा करता हूँ। pic.twitter.com/pFwojQVzuo
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) June 15, 2021
बग़ावत करने वाले पांच सांसदों में से चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस, उनके बेटे प्रिंस राज और तीन अन्य सांसद- चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली शामिल हैं। इन सांसदों का दावा है कि वे ही असली लोक जनशक्ति पार्टी हैं। चिराग के पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके लिए यह एक बड़ा झटका है।
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