यूपी में समाजवादी पार्टी के नेताओं पर लगातार दर्ज हो रहे मुकदमों पर सपा ने सवाल उठाया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी के नेता, सांसद, विधायक कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन उन पर कोई केस दर्ज नहीं हो रहा है। यह एकतरफा व्यवहार सिर्फ सपा से ही क्यों। सपा के वरिष्ठ नेता प्रो. रामगोपाल यादव ने भी बीजेपी नेताओं पर पहले से दर्ज मुकदमों का मामला उठाया था और कहा था कि गिरफ्तार सिर्फ सपा के लोग किये जा रहे हैं। प्रदेश के तमाम जिलों में सपा, कांग्रेस प्रत्याशियों और नेताओं पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन दर्ज होने की खबरें आ रही हैं।
सबसे ताजा मामला बरहज विधानसभा क्षेत्र का है। बरहज में सपा नेता वीरेंद्र चौधरी पर एक ही दिन में 6 केस दर्ज कराए गए हैं। वीरेंद्र चौधरी सपा के संभावित प्रत्याशी भी हैं। वो जिला पंचायत के पूर्व सदस्य भी हैं। वहां के एसडीएम ने उनके खिलाफ मईल, बरहज, भलुअनी, मदनपुर, लार, खुखुंदू के पुलिस स्टेशनों में चुनाव आचार संहिता तोड़ने का आरोप लगाकर केस दर्ज कराए गए हैं। वीरेंद्र चौधरी का कहना है कि आचार संहिता लागू होने के बाद उन्होंने नाम मिटवा दिए, पोस्टर हटा दिए थे। इसके बावजूद बीजेपी के इशारे पर एसडीएम ने मेरे खिलाफ 6 मुकदमे दर्ज करा दिए। उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर एसडीएम को हटाने की मांग की है।
सपा के कार्यक्रम-कार्यालय पर पूरी पाबंदी और गाड़ियों के चालान भी लेकिन ‘कुछ दिनों के बाकी बचे मुख्यमंत्री’ व अमरोहा के भाजपा प्रत्याशी आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन्स का सरेआम मज़ाक़ उड़ा रहे हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 17, 2022
‘निर्वाचन-न्याय’ को सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का परम-धर्म है!
कोई है ????????? https://t.co/kSGWek6pGa
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज सुबह अमरोहा के बीजेपी विधायक महेंद्र खड़गवंशी की चुनावी रैली का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है - सपा के कार्यक्रम-कार्यालय पर पूरी पाबंदी और गाड़ियों के चालान भी। लेकिन ‘कुछ दिनों के बाकी बचे मुख्यमंत्री’ व अमरोहा के भाजपा प्रत्याशी आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन्स का सरेआम मज़ाक़ उड़ा रहे हैं। ‘निर्वाचन-न्याय’ को सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का परम-धर्म है! कोई है ?????????
अखिलेश ने कल भी यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि बीजेपी सौ फीसदी हताश हो चुकी है। इसीलिए वो सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज करवा रही है। अखिलेश ने यह बात कल कैराना के सपा प्रत्याशी नाहिद हसन की गिरफ्तारी पर कहे थे। पुलिस ने नाहिद को पुराने केस में गिरफ्तार किया है, जबकि वो अदालत में सरेंडर करने आ रहे थे। सपा ने पूर्व आईपीएस असीम अरुण का मामला भी उठाया था, जो कल बीजेपी में शामिल हुए हैं। असीम अरुण ने कानपुर का पुलिस कमिश्नर रहते हुए वीआरएस लेने का ऐलान किया। उसके बाद वो कई दिनों तक इस पद पर बने रहे और तमाम फैसले लेते रहे। जबकि सरकार ने उनका वीआरएस 15 जनवरी से मंजूर किया।
यूपी में पिछले 24 घंटों में 26 लोगों के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के केस दर्ज किए गए हैं। अब तक कुल 98 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने 3141 हथियार बरामद किए हैं। इसके अलावा 5,12, 823 लाइसेंसी हथियार जमा कराए गए हैं।
प्रदेश में सिर्फ चुनिन्दा दलों और नेताओं के खिलाफ केस दर्ज होने का मामला बड़ा होता जा रहा है। कल नोएडा सेक्टर 113 में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। भूपेश बघेल पर जिला निवार्चन अधिकारी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने इसकी अनुमति नहीं ली थी। बघेल यहां कांग्रेस प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक का प्रचार करने आए थे। कांग्रेस ने भी योगी सरकार पर चुनाव के दौरान सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
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