पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन (रालोद) को आज उस समय बड़ी सफलता मिली जब भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने गठबंधन का समर्थन करने की घोषणा की। उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि जो भी किसान संगठन चुनाव लड़ेंगे, उन्हें संयुक्त मोर्चा छोड़ना होगा।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश किसान आंदोलन का केंद्र बना रहा है। 5 सितम्बर 2021 में मुजफ्फरनगर में जो ऐतिहासिक किसान पंचायत हुई थी, उसी समय से माना जा रहा था कि किसान नेता विपक्ष का समर्थन करेंगे।
बीकेयू के मौजूदा अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सपा-रालोद के समर्थन की घोषणा आज शाम को की। नरेश टिकैत ने दोनों दलों को भेजे संदेश में कहा है कि आप लोग चुनाव लड़ें, यह प्रतिष्ठा की बात है। इस संबंध में आज टिकैत के पैतृक गांव सिसौली (मुजफ्फरनगर) के किसान भवन में बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में राकेश टिकैत भी मौजूद थे। इस बैठक में मीरापुर और बुढ़ाना विधानसभा सीटों के लिए घोषित सपा-रालोद के संयुक्त प्रत्याशियों के समर्थन का खासतौर पर इस्तेमाल किया गया।
बीकेयू की इस घोषणा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों की मजबूत लॉबी है। राकेश टिकैत और उनके भाई ने इस लॉबी को मजबूती से लामबंद किया है।
आमतौर पर इस इलाके के किसान जाट हैं। पिछले चुनावों में जाटों ने बीजेपी का समर्थन किया था। लेकिन किसान आंदोलन शुरू होने के बाद पश्चिमी यूपी के जाट बीजेपी से दूरी बढ़ाने लगे। इसके बाद जब किसान आंदोलन चरम पर पहुंचा तो जाट पूरी तरह से केंद्र सरकार के विरोध में खड़े हो गए। रालोद (आरएलडी) और सपा शुरू से ही किसान आंदोलन के समर्थक रहे हैं। इसलिए अब किसान नेता भी खुलकर गठबंधन के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
लखीमपुर जाएंगे
किसान नेता राकेश टिकैत ने इस मौके पर घोषणा की है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता 21 जनवरी को लखीमपुर खीरी जा रहे हैं। जहां वे पीड़ित किसानों से मुलाकात करेंगे। मोर्चा इस बात को बर्दाश्त नहीं करेगा कि पुलिस किसानों को परेशान करे। राकेश टिकैत ने कहा कि जो किसान जेल में हैं, उनसे भी संयुक्त किसान मोर्चा के लोग मुलाकात करेंगे।
आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लिए अहम फैसले:
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) January 15, 2022
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पंजाब में चुनाव लड़ा तो निकालेंगे
संयुक्त किसान मोर्चा ने आज अपनी बैठक के जरिए पंजाब की किसान जत्थेबंदियों को फिर चेतावनी दी है कि अगर उनमें से किसी ने भी पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा तो उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा से बाहर निकाल दिया जाएगा। इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा की आज टीकरी बॉर्डर पर कैंप आफिस में बैठक हुई थी। जिसमें यह रणनीतिक निर्णय लिया गया।
पंजाब की 22 किसान जत्थेबंदियों ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वे संयुक्त समाज मोर्चा के बैनर के तहत पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने उस समय भी इन्हें चेतावनी दी थी। उल्लेखनीय है कि बलबीर सिंह राजेवाल जो बीकेयू राजेवाल गुट का नेतृत्व करते हैं, उन्होंने भी पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आज कहा कि हमारा संगठन अराजनैतिक बने रहना चाहता है।
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