सिर्फ़ चक्कर काटते इलेक्ट्रॉन किसी परमाणु को स्थायित्त्व प्रदान नहीं कर सकते। स्थायित्त्व के लिए चाहिए केंद्र में एक मज़बूत नाभिक। यह नाभिक ही है जिसके प्रभाव से परमाणु का अस्तित्व है। उत्तर प्रदेश में हुआ मंत्रिपरिषद में फेरबदल, ऐसे ही एक परमाणु रूपी सरकार के स्थायित्व की कहानी बयान करता है, जिसका नाभिक अर्थात मुख्यमंत्री भारहीनता से गुजर रहा है और अपनी अक्षमता को ढँकने के लिए अपने चारों ओर नए-नए इलेक्ट्रॉन स्थापित कर रहा है ताकि परमाणु अर्थात सरकार को बचाया जा सके।
योगी के बाग़ के ज़्यादातर पौधे सड़ चुके हैं!
- विचार
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- 1 Oct, 2021

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जब सिर्फ़ छह महीने बचे हैं तो योगी सरकार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल क्यों किया? वह भी तब जब योगी सरकार साढ़े चार साल की कथित उपलब्धियाँ गिना रही है?
सरकार अब, जबकि चुनाव के 6 महीने बचे हैं, अपनी कैबिनेट में क्यों बदलाव करना चाहती है? विशेषतया तब जबकि अभी हाल ही में सरकार अपने साढ़े चार साल का सरकारी ब्योरा दे चुकी है वो भी इस दावे के साथ… कि उसने किसानों का 36 हजार करोड़ रुपया कर्ज माफ़ किया है, गन्ना किसानों का 1.44 लाख करोड़ का बकाया भुगतान किया है, सरकार लड़कियों की स्नातक तक की पढ़ाई का ख़र्च उठा रही है, 56 ज़िलों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज चल रहा है, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 42 लाख लोगों का बीमा कवर किया है और 150 अपराधी एनकाउंटर में मारे हैं। ऐसे ही तमाम और भी गुणों का बखान किया है।