समाजवादियों की लाल टोपी विवादों में है। अब देश में टोपी पहनने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता बहुत कम बचे हैं जिसमें समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लाल टोपी पहनते हैं। जब वे विधानसभा या विरोध प्रदर्शन में जाते हैं तो लाल टोपी पहनते हैं। संभवतः इसी पर तंज करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा, लाल हरी पीली टोपी की नई परिपाटी अब शुरू हो गई है। उन्होंने आगे कहा, टोपी वाला गुंडा अब आम धारणा है।
लाल टोपी तो सबसे पहले जेपी ने पहनी थी!
- विचार
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- 25 Feb, 2021

जेपी ने लाल झंडा भले नहीं अपनाया पर लाल टोपी पहन ली। लोहिया ने तो कांग्रेस से अलग होने पर फ़ैसला कर लिया था कि अब वे कोई टोपी नहीं लगाएँगे। समाजवादियों ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में गांधी की हत्या को लेकर तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल को निशाने पर लिया था। जेपी ने उन्हें लापरवाही के लिए ज़िम्मेदार ठहराया था। इसी के बाद कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी बनी।
हालाँकि योगी ने यह टिप्पणी किसी एक सभा में विरोध करने वाले लोगों को लेकर एक बच्चे की प्रतिक्रिया के आधार पर की थी। पर लगता है टोपी का इतिहास, ख़ासकर लाल टोपी का इतिहास वे भी ठीक से नहीं जानते हैं।