2022 के विधानसभा चुनाव के पहले यूपी की राजनीति में कुछ दिलचस्प घटनाक्रम हो तो आश्चर्य नहीं होगा। अपने व्यक्तित्व और इरादों में बहुत सख़्त दिखने वाले योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते हुए भी अगर यूपी में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे तो इसके कुछ प्रशासनिक और अंदरूनी कारण भी हो सकते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने ऐसी नीतियाँ बनाईं जिससे उनकी उग्र हिन्दुत्ववादी छवि बरकरार रहे। वह जिस मठ के महंत हैं उसकी भक्ति की धारा और इतिहास भले ही निचली जातियों के प्रति संवेदनाओं और सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए जाने जाते हों लेकिन आज़ादी के समय गोरखनाथ मठ की महंती हिन्दुत्ववादी ही नहीं बल्कि ठाकुरवादी भी हो गई थी।

आज की ‘पहचान’ पर आधारित राजनीति में प्रत्येक जाति-समुदाय अपने अतीत को रेखांकित करके वर्तमान राजनीतिक सामाजिक परिस्थितियों में अपनी भूमिका स्थापित कर रहा है। पहचान की राजनीति और विमर्श हालाँकि हाशिए के समुदायों द्वारा शुरू किए गए थे। अपने उत्पीड़न और शोषण के इतिहास का उल्लेख करते हुए हाशिए के समुदाय समता, स्वतंत्रता और न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।