प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करने के बाद अपने संबोधन में 5 अगस्त 2020 को 15 अगस्त 1947 से जोड़ते हुए कहा कि आज का दिन भी हमारे लिए आज़ादी का दिन है। अयोध्या स्थित बाबरी मसजिद हिन्दुओं की ग़ुलामी की प्रतीक थी, जिसे 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया। उसके स्थान पर निर्मित होने वाले भव्य राम मंदिर के भूमि पूजन से आखिरकार हिंदुओं पर लगा ग़ुलामी का कलंक हमेशा-हमेशा के लिए धुल गया। इसलिए हिन्दुओं के लिए यह आज़ीदी और जश्न का दिन है। इस संबोधन के मायने एकदम स्पष्ट हैं। समावेशी 'आइडिया ऑफ़ इंडिया' के बरक्स यह हिन्दू राष्ट्र का बिगुल है।

डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पर अमित शाह के बयान से बवाल मचा है। बीजेपी किस आधार पर खुद को आंबेडकर की नीतियों को लागू करने वाली बता रही है? जानिए, आरएसएस का प्रेम वास्तविक है या उन्हें एक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रही है?
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।