संसद में मौजूद लोगों के लिए सोमवार का दिन एक ऐतिहासिक पल लेकर आया जब सदन में एक अनुभवी पुरुष सांसद को वरिष्ठ महिला सांसद के साथ ग़लत अंदाज़ में बात करने की वजह से पूरे सदन के सामने माफ़ी माँगनी पड़ी। 17वीं लोकसभा में पहुँची 78 महिला सांसदों के लिए निश्चित रूप से यह एक बेहद ज़रूरी पल था। हमारी संसद के इतिहास में यह पहली बार है जब महिला पर किसी अभद्र टिप्पणी के लिए किसी सांसद ने सदन में औपचारिक रूप से माफ़ी माँगी हो। बीजेपी ने इसके लिए पुरज़ोर कोशिश की। लेकिन इसके साथ ही एक सवाल यह उठता है कि आज़म से माफ़ी मँगवाने वाली बीजेपी ने रेप के आरोपी सेंगर को पार्टी से क्यों नहीं निकाला है? यह सवाल भी संसद में आज़म ख़ान के व्यवहार से जुड़ा है।

संसद में एक अनुभवी पुरुष सांसद को वरिष्ठ महिला सांसद के साथ ग़लत अंदाज़ में बात करने की वजह से पूरे सदन के सामने माफ़ी माँगनी पड़ी। आज़म से माफ़ी मँगवाने वाली बीजेपी ने रेप के आरोपी सेंगर क्यों नहीं निकाला है?
लोकसभा की पीठासीन अधिकारी और बीजेपी की सांसद रमा देवी से सदन में गुरुवार को रूबरू आज़म ख़ान की अपनी लिंगभेदी टिप्पणी के कारण सदन के अंदर-बाहर ख़ूब किरकिरी हुई। तीन दिन तक लगातार पड़े चौतरफ़ा दबाव की वजह से उन्होंने सदन में रमा देवी से सीधे माफ़ी माँग ली। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों की महिला सांसदों ने भाजपाई महिला सांसदों स्मृति ईरानी और निर्मला सीतारमन के विरोध का समर्थन किया। इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आज़म ख़ान बैकफुट में आ गये जो शुरुआत में इस आलोचना का विरोध करते हुए सदन से वॉक आउट कर गए थे।