जो लोग चेहरे पर मुस्कराहट की क़ीमत नहीं समझते हैं, उन्हें जगत प्रकाश नड्डा को अपना गुरू बना लेना चाहिए। उम्मीद है कि 20 जनवरी को बीजेपी के नए अध्यक्ष के तौर पर उनके नाम का एलान कर दिया जाएगा। नड्डा की मुस्कराहट शायद उस दिन भी कम नहीं हुई थी जब 2009 में उन्हें हिमाचल प्रदेश में धूमल सरकार के मंत्रिमंडल से जबरदस्ती इस्तीफ़ा देना पड़ा था। तब भी उनकी मुस्कराहट कम नहीं हुई थी जब 2014 के चुनावों के बाद उन्हें बीजेपी का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं तेज़ हो गईं थीं और शायद वह उस दिन भी मुस्करा रहे थे जब 2019 के चुनावों में भारी सफलता के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। लेकिन पार्टी में उनके विरोधी माने जाने वाले युवा सांसद अनुराग ठाकुर मंत्री पद की शपथ ले रहे थे।