समाज के वंचित तबक़े के संघर्षों के प्रतीक महापुरुषों के ख़िलाफ़ व्यापक घृणा उत्तर भारत से चलकर दक्षिण भारत में पहुँच चुकी है। तमिलनाडु के कोयंबटूर में इरोड वेंकट रामास्वामी नायकर ‘पेरियार’ (ईवीआर) की प्रतिमा को विरूपित करने की कवायद इसकी एक कड़ी है। भले ही तमिनलाडु की राजनीति पर ईवीआर के विचारों के समर्थकों का कब्जा है लेकिन वह दक्षिण भारत में वर्ण व्यवस्था और जातीय श्रेष्ठता को मानने वालों के निशाने पर लगातार रहे हैं। हाल के वर्षों में पेरियार की प्रतिमाओं को तोड़ने, उन्हें विरूपित करने की घटनाएँ कई बार हो चुकी हैं, जिसमें बीजेपी से जुड़े एक स्थानीय नेता की गिरफ्तारी भी हुई थी।
पोंगापंथियों को चुभ रहे ‘नो गॉड, नो रिलीजन, नो गाँधी, नो कांग्रेस एंड नो ब्राह्मण’ का नारा देने वाले पेरियार
- विचार
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- 19 Jul, 2020

तमिलनाडु के कोयंबटूर में इरोड वेंकट रामास्वामी नायकर ‘पेरियार’ (ईवीआर) की प्रतिमा को किसने विरूपित किया? समाज के वंचित तबक़े के संघर्षों के प्रतीक महापुरुषों के ख़िलाफ़ घृणा कौन चला रहा है?