24 मार्च को जब मोदी सरकार ने एकाएक सारे देशवासियों को ताले में बंद रहने का आदेश कर दिया था, उस दिन देशभर में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज़ों की संख्या 564 थी। आज जब सरकार इस महीने से ताला खोलने की दिशा में पहला बड़ा क़दम उठा चुकी है तो उनकी संख्या 1 लाख से ऊपर हो गई है। (ध्यान दीजिए, मैं कोरोना के कुल मामलों की नहीं, मरीज़ों की मौजूदा संख्या की बात कर रहा हूँ।) 24 मार्च के आसपास रोज़ 50-60 नए मरीज़ों का पता चल रहा था, आज 8 हज़ार से ज़्यादा नए मरीज़ रोज़ मिल रहे हैं। ऐसे में आम नागरिक को समझ में नहीं आ रहा है कि 24 मार्च को सरकार को ऐसा क्या ख़तरा नज़र आया कि देश भर में तालाबंदी कर दी गई और आज जून में हालात कौन से सुधर गए कि सरकार ने ताला खोलने की दिशा में पहला क़दम बढ़ा दिया।