देश के सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने जिस तत्परता से अर्णब गोस्वामी के मामले पर ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी और उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री/रक्षा मंत्री समेत केंद्रीय मंत्रिमंडल के उनके सहयोगियों ने बेहद तेज़ी से सुर में सुर मिलाया। इसने उन तमाम लोगों को चौंका दिया, जो देश में पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राज्यों में पत्रकारों पर सरकारी दमन के मामलों में उनके ग़ायब रहने पर चकित थे।अर्णब को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में गिरफ़्तार किये जाने पर जावड़ेकर के दल बीजेपी की सड़क समेत सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं ने लोगों को विस्मित किया। क्योंकि पत्रकारों पर सरकारों के दमन के आधार पर देशों की सालाना रैंकिंग करने वाली संस्था ग्लोबल प्रेस फ़्रीडम इंडेक्स के अनुसार इसी बरस भारत इस रैंकिंग में दो पायदान और लुढ़ककर 180 देशों की लिस्ट में 142वें स्थान पर जा पहुँचा है।
अर्णब गोस्वामी के समर्थन में क्यों खड़ी है बीजेपी?
- विचार
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- 6 Nov, 2020
रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर बीजेपी के नेताओं सहित पूरी केंद्र सरकार उनके समर्थन में आ गई है। जबकि कई राज्यों में पत्रकारों पर लगातार जुल्म हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कई पत्रकारों पर राजद्रोह का क़ानून लगाया गया है और मार्च में लॉकडाउन घोषित करने के बाद से अब तक कई पत्रकारों पर दूसरे मुक़दमे लगाए गए हैं लेकिन वहाँ बीजेपी और सरकार पूरी तरह चुप है।
