फ़िल्म और स्टेज ऐक्टर नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि उनको अपने बच्चों की फ़िक्र होती है कि कभी कोई भीड़ उनको घेर ले और पूछे कि तुम्हारा धर्म क्या है तो वे क्या जवाब देंगे क्योंकि उनका तो कोई मज़हब ही नहीं है, उन्होंने तो अपने बच्चों को कभी मज़हब की शिक्षा दी नहीं क्योंकि वे मानते हैं कि अच्छाई और बुराई का धर्म से कोई लेना-देना नहीं होता। नसीर ने यह भी कहा कि देश में जो ज़हर फैल रहा है, उससे उनको डर नहीं लगता, ग़ुस्सा आता है और हर सही सोच रखने वाले को ग़ुस्सा आना चाहिए।
नसीर ने जो कहा, उस पर बड़ी और कहीं-कहीं कड़ी प्रतिक्रिया हुई। किसी ने कहा, वे सच बोल रहे हैं, किसी ने कहा, वे राजनीति कर रहे हैं। हमने दोनों पक्षों के लेख अपनी साइट पर प्रकाशित भी किए। हम चाहते हैं कि इस विषय पर अधिक से अधिक आवाज़ें सामने आएँ क्योंकि लोकतंत्र का अर्थ ही है संवाद और संवाद तभी होता है जब दो या ज़्यादा लोग बिना डर या हिचक के अपनी-अपनी बात कहें। इसीलिए हम चाहते हैं कि आप भी इस विषय पर अपनी राय लिखें ताकि हमारे हज़ारों पाठक उन्हें पढ़ सकें। अपनी राय आप contact@satyahindi.com पर भेज सकते हैं।
लेकिन एक अनुरोध है। नसीरुद्दीन शाह की टिप्पणी पर कुछ भी कहने से पहले वह विडियो अवश्य देख लें जिसके कारण सारी बहस छिड़ी है। सिर्फ़ सुनी-सुनाई या पढ़ी-पढ़ाई बातों पर लिखी गई कोई भी राय अधूरी और संकुचित होगी। इसलिए पहले नीचे विडियो देखें और फिर लिखना शुरू करें। हमें आपकी राय का इंतज़ार है।
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