लोगों की यह जानने की भारी उत्सुकता है कि बंगाल चुनावों के नतीजे क्या होंगे? ममता बनर्जी हारेंगी या जीत जाएँगी? सवाल वास्तव में उलटा होना चाहिए। वह यह कि बंगाल में नरेंद्र मोदी चुनाव जीत पाएँगे या नहीं? बंगाल में चुनाव ममता और मोदी के बीच हो रहा है। वहाँ पार्टियाँ गौण हैं। किसी भी राज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक प्रधानमंत्री किसी मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ चुनाव का नेतृत्व कर रहा हो।
सवाल उलटा होना चाहिए! बंगाल में मोदी जीतेंगे या हार जाएँगे?
- विचार
- |
- |
- 9 Apr, 2021

बंगाल चुनावों से मुक्त होते ही ममता बनर्जी बीजेपी के ख़िलाफ़ विपक्षी राज्य सरकारों और जनता के बीच बढ़ रही नाराज़गी को किसी बड़े आंदोलन में परिवर्तित करने के काम में जुटने का इरादा रखती हैं। राज्य में द्वितीय चरण के मतदान के पहले ही उन्होंने घोषणा भी की- ‘अभी एक पैर पर बंगाल जीतूँगी और फिर दो पैरों पर दिल्ली।’
अगर बीजेपी बंगाल में वर्ष 2016 की अपनी तीन सीटों की संख्या को बढ़ाकर (अमित शाह के मुताबिक़) दो सौ पार पहुँचा देगी तो भारत के संसदीय इतिहास का सबसे बड़ा अजूबा हो जाएगा। ऐसा हो गया तो फिर मान लेना होगा कि बीजेपी अगले साल न सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में 2017 को दोहराएगी, साल 2024 में लोकसभा की साढ़े चार सौ सीटें प्राप्त करना चाहेगी। बीजेपी ने बंगाल के चुनावों को जिस हाई पिच पर लाकर 2014 के लोकसभा चुनावों जैसी सनसनी पैदा कर दी है उसमें अब ज़्यादा महत्वपूर्ण मोदी हो गए हैं।