पुलवामा का हमला देश की अस्मिता पर गहरी चोट है। पाकिस्तान ने भारत की संप्रभुता पर घाव करने का प्रयास किया है। उसे इस बात की सख़्त से सख़्त सजा मिलनी चाहिए। भारत के बहादुर सैनिकों ने जैश-ए-मुहम्मद के ठिकानों पर हमला कर कड़ा संदेश दे दिया है कि जो भी भारत को कमज़ोर समझने की भूल करेगा वह मिट्टी में मिला दिया जाएगा। इस क़दम के लिये प्रधानमंत्री की तारीफ़ करनी चाहिए। इन हमलों से आतंकवादियों के दिलों में दहशत मची होगी। वे चूज़ों की तरह भाग रहे होंगे। उनके आका बौखलाये होंगे। सीमा पार से हमला करने की नाकाम कोशिश अपनी बौखलाहट और शर्म को छिपाने की भौंडी कोशिश है। भारत पाकिस्तान की धमकियों से डरने वाला नहीं है। वह पाकिस्तान से करगिल समेत चार जंग लड़ चुका है। उसे शत्रुओं के मंसूबों को पानी में मिलाना आता है। ऐसे में पाकिस्तान फिर कोई ऐसी भूल न करे कि उसे 1971 का दंश झेलना पड़े। तब उसके दो टुकड़े हुये थे। वह दो देशों में बँट गया था।