‘जय श्री राम’ के नारे और गाय के नाम पर ‘भीड़ हिंसा’ की घटनाएँ एक के बाद एक क्यों लगातार बढ़ती जा रही हैं? इसका जवाब एक अमेरिकी रिपोर्ट, इस पर सरकारी रवैया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में मिल जाएगा। पिछले महीने अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट को हमारी सरकार ने दो दिनों के भीतर ही आनन-फानन में ख़ारिज़ कर दिया था। यह रिपोर्ट थी, ‘एनुअल 2018 इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम’ पर। इसके अनुसार सत्तारूढ़ बीजेपी के वरिष्ठ सदस्य अल्पसंख्यकों के विरुद्ध भड़काऊ बयान देते रहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन बयानों से प्रेरित होकर अतिवादी हिन्दू संगठन, जिनको सरकार और पुलिस का समर्थन मिलता है, कभी ‘जय श्री राम’ के नाम पर तो कभी गाय के नाम पर खुलेआम अल्पसंख्यकों से मारपीट करते हैं और हत्या भी कर देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष जनवरी से नवम्बर के बीच ऐसे 18 हमले किये गए जिनमें कम से कम 8 लोगों की हत्या सरेआम भीड़ द्वारा की गयी। मारे गए सभी लोग अल्पसंख्यक समुदाय के थे।
भीड़ हिंसा पर दुनिया भर में क्यों हो रही है भारत की बदनामी?
- विचार
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- 16 Jul, 2019

‘जय श्री राम’ के नारे और गाय के नाम पर ‘भीड़ हिंसा’ की घटनाएँ एक के बाद एक क्यों लगातार बढ़ती जा रही हैं? इसका जवाब हाल की एक अमेरिकी रिपोर्ट, इस पर सरकारी रवैया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में मिल जाएगा।