कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो शब्दकोश में अपने निश्चित अर्थों के साथ पहले से ही मौजूद होते हैं और किसी कालखंड की सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियाँ या दबाव उन्हें एकदम भिन्न अर्थ दे देते हैं। आज की परिस्थिति में दो शब्द अर्थ संकट में पड़ गए हैं - कोरोना और जमाती। बता दें कि कोरोना विषाणुओं का एक कुल है और इसलाम के बुनियादी आचार-विचार का प्रचार करने वाला मुसलमान जमाती कहा जाता है।
गाँव लौटे प्रवासियों को ‘जमाती’ कहने का मतलब!
- विचार
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- 25 May, 2020

टीवी व सोशल मीडिया पर तब्लीग़ी जमात को लेकर हुए दुष्प्रचार का उन पर इतना असर था कि वे अपने ही बच्चों, भाइयों, बहुओं, हमजोलियों को जमाती कह रहे थे!
मनुष्यों की तरह ही शब्दों के कुल होते हैं। जो शब्द समुदाय विशेष में अधिक लोकप्रिय होते हैं उनका इस्तेमाल समुदाय से बाहर भी होने लगता है और कभी-कभी यह फैलाव इतना विश्वव्यापी हो जाता है कि उन शब्दों को विभिन्न भाषाओं के मानक एवं प्रतिष्ठित शब्दकोशों में स्थायी जगह मिल जाती है।
विजयशंकर चतुर्वेदी कवि और वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने कई मीडिया संस्थानों में काम किया है। वह फ़िलहाल स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करते हैं।