आपदाएं मुसीबत और दहशत तो लाती ही हैं, बड़े बदलाव भी लाती हैं। ये बदलाव मनुष्य के लिए सकारात्मक भी हो सकते हैं और नकारात्मक भी। लेकिन इतना तो तय है कि कोरोना वायरस की आपदा गुजर जाने के बाद जीवन पहले जैसा नहीं रह जाएगा।
कोरोना: वर्क फ्रॉम होम की कार्यशैली अपनानी ही होगी
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- 23 Apr, 2020

लॉकडाउन की वजह से प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले लोग इन दिनों वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम कर्मचारियों और संस्थानों दोनों के लिए मुफीद साबित हो सकता है।
इस आपदा से निबटने के लिए उठाए गए छोटे-मोटे क़दम भी हमारी आदतों में शुमार हो जाएंगे। लेन-देन काफी हद तक डिजिटल हो जाएगा। शिक्षण-पद्धति, सरकारी कामकाज, व्यापार करने के तौर-तरीके व नौकरी-चाकरी के ढंग भी बदलेंगे। इन्हीं में से एक अमल है- वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करना।
विजयशंकर चतुर्वेदी कवि और वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने कई मीडिया संस्थानों में काम किया है। वह फ़िलहाल स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करते हैं।