यूक्रेन संकट की काली छाया दुनिया के दो अग्रणी संगठनों जी-20 और ब्रिक्स पर दिखाई पड़ने लगी है। इस साल अक्टूबर के अंत में इंडोनेशिया को जी-20 की शिखर बैठक की मेजबानी करनी है जिसमें रूस और अमेरिका के नेताओं को भी अहम सदस्यों के तौर पर आमंत्रित किया जाएगा।
यूक्रेन संकट की काली छाया जी-20 व ब्रिक्स पर
- विचार
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- 27 Mar, 2022

ऐसे वक़्त जब विश्व बिरादरी से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को निकालने की बात की जा रही है और उन्हें युद्ध अपराधी कहा जाने लगा है, भारत के लिये ब्रिक्स शिखर बैठक में भाग लेकर पुतिन और उनके साथी शी जिनपिंग के साथ हाथ मिलाना और गले लगना भारत के लिये भारी पड़ सकता है।
इस शिखर बैठक के पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि जी-20 से रूस को निष्कासित किया जाए। बाइडन के इस प्रस्ताव पर जी-20 के सभी सदस्य देशों के बीच आम राय नहीं बन सकती क्योंकि इसमें चीन भी एक महत्वपूर्ण सदस्य है। जी-20 के कई सदस्य देशों ने यूक्रेन मसले पर रूस की सीधी निंदा भी नहीं की है। ऐसे में यदि जी-20 से रूस को निकालने की मांग पर विचार किया जाता है तो जी-20 में फूट पड़ जाएगी और जी-20 शिखर बैठक का आयोजन नहीं हो सकेगा।