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ख़बरों का चरित्र बिगाड़ता टीआरपी का खेल
- विचार
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- 11 Oct, 2020

पिछले डेढ़ दशकों से चैनलों के ‘एक –दूसरे को बर्बाद करने की नयी होड़’ में जनता को पता चला कि चैनल अनैतिक रूप से लोगों को पैसे दे कर टीआरपी बढ़वाते हैं। अभी दो चैनलों और एक ही बड़े शहर पर शक है, पर अगर सत्ता और बड़े चैनलों ने इसे अपनी शक्ति से दबाया नहीं तो आने वाले दिनों में यह एक देश-व्यापी रैकेट के रूप में उजागर होगा।