“राजनीति करने वाले लोग धर्म में हस्तक्षेप करना बंद कर दें, तो हम भी राजनीति के बारे में बोलना बंद कर देंगे!”
शंकराचार्य का मोदी के ‘अधर्म’ को बताना भारत का ‘रिनैसाँस’ क्षण है!
- विचार
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- 19 Jul, 2024

उम्मीद की जानी चाहिए कि कभी शंकराचार्य हिंदू समाज को यह बताने भी निकलेंगे कि जीव और ब्रह्म में अगर ‘अद्वैत’ है तो फिर हिंदू और मुसलमान में ‘द्वैत’ कैसे हो सकता है? आख़िर दोनों ही तो जीव हैं….अद्वैत मानें तो ईश्वर ही हैं!
आक्रोशित स्वर में दिया गया ये बयान ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का है। उन्होंने कुछ दिन पहले मुंबई में उद्धव ठाकरे की सरकार गिराने को ‘विश्वासघात' बताया था। इसे लेकर बीजेपी और उसके सहयोगी दल के नेताओं ने उन पर राजनीति करने का आरोप लगाया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जवाब दिया कि यह याद दिलाना कि ‘विश्वासघात’ हिंदू धर्म की मान्यताओं के ख़िलाफ़ है, राजनीति करना नहीं है।
यही नहीं, वाराणसी में काशी कॉरोडोर बनाने के क्रम में तमाम मंदिरों को तोड़े जाने और अयोध्या में अधूरे राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का मुखर विरोध कर ‘मोदी विरोधी’ कहलाये स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ये भी कह दिया कि, “उनसे बड़ा पीएम मोदी का कोई हितैषी नहीं है, क्योंकि एक दिन जब पीएम मोदी के प्राण निकलेंगे, उनको भी यमराज के पास जाना है! पीएम मोदी से इतने पाप करवाये जा रहे हैं, इतने अशास्त्रीय काम करवाये जा रहे हैं, इतने मंदिर तुड़वाये जा रहे हैं, इन सब का यमराज के दरबार में पीएम मोदी क्या ज़वाब देंगे?”