आर्थिक आधार पर आरक्षण को संवैधानिक मान्यता देने की कोशिश फिलहाल कामयाब हो गयी है। सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों की खण्डपीठ का खण्डित फ़ैसला यही है। मगर, इस फ़ैसले के साथ यह भी पुष्ट हो गया है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण पाने वाला ‘सामान्य वर्ग’ वास्तव में एससी, एसटी और ओबीसी के बगैर सवर्ण वर्ग है।