डॉ भीम राव अंबेडकर ने कभी किसी तीर्थ की यात्रा की थी? यह सवाल आपको चौंका सकता है। लेकिन, यह प्रश्न पूछना इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर उत्तर ‘हां’ में है तो मोदी सरकार का डॉ अंबेडकर के नाम से ‘पंचतीर्थ’की सोच भी पवित्र मानी जाएगी। अगर उत्तर ‘ना’ में है तो एक और सवाल खड़ा होगा कि जिन्होंने धार्मिक तीर्थ यात्राओं को कभी स्वीकार नहीं किया, उनके नाम से तीर्थ या पंचतीर्थ स्थापित करना उनका सम्मान है या उनके विचारों की अवमानना?