चुनाव आयोग ने तय वक़्त पर ही पांच राज्यों के चुनाव कराने के संकेत दिए हैं। हालाँकि इस पर आख़िरी फ़ैसला लखनऊ में चुनावी तैयारियों और कोरोना के हालात का जायज़ा लेने के बाद ही किया जाएगा। बसपा प्रमुख मायावती ने भी चुनाव आयोग से तय वक़्त पर ही चुनाव कराने की मांग की है। वहीं छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि बीजेपी हार से बचने के लिए यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव टालने की साज़िश कर रही है।
भारत में हिचक क्यों? कोरोना की वजह से कई देशों में टल चुके हैं चुनाव
- विचार
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- 29 Dec, 2021

ओमिक्रॉन के ख़तरे के बीच तीसरी लहर के जोर पकड़ने की आशंका है तो क्या ऐसे में चुनाव कराना ज़रूरी है? क्या कोरोना की दूसरी लहर से सीख ली गई है? जानिए, दूसरे देशों में कैसे फ़ैसले लिए गए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग को देश और उत्तर प्रदेश में तेज़ी से फैलते कोरोना के मद्देनज़र कुछ महीनों के लिए चुनाव टालने पर विचार करने को कहा था। हाईकोर्ट ने कहा कि संभव हो सके तो फ़रवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें, क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियाँ, सभाएँ आगे भी होती रहेंगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है। ऐसे में ये सवाल अहम हो गया है कि भारत में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव टालने को लेकर हिचक क्यों है?