कहते हैं महामारियाँ व्यवहार बदल देती हैं। कुछ अच्छी चीजें अचानक ही बुरी बन जाती हैं और कुछ बुरी चीजें अच्छी मानी जाने लगती हैं। मसलन, अभी चंद रोज़ पहले तक किसी से हाथ मिलाना या उसे गले लगाना गर्मजोशी, दोस्ती और सभ्य व्यवहार का प्रतीक माना जाता था, पर रातों-रात यह सोच बदल गई है। यह व्यवहार और उसे लेकर समाज की सोच किस तरह से बदलती है, इसका एक अच्छा उदाहरण मशहूर लेखक, उपन्यासकार और नाटककार रोम्यां रोलाँ से जुड़ा है, जिन्हें 1918 में स्पैनिश फ्लू की महामारी ने दबोच लिया था।