महामारी में नीम हकीम आधुनिक चिकित्सा पद्धति का विरोध करने लगते हैं और इलाज के पक्के दावे करने लगते हैं। ऐसे समय में आधुनिक चिकित्सा पर विश्वास बढ़ना चाहिए।
भीकाजी कामा को हम यूरोप में रहकर राष्ट्रवादी मुहिम चलाने और सभी तरह के क्रांतिकारियों को एक झंडे तले लाने वाली शख्सियत के रूप में जानते हैं, लेकिन उनके जीवन में प्लेग की महामारी ने भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
रामकृष्ण मिशन और सिस्टर भगिनी निवेदिता के लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने और ज़मीन पर काम करने के कारण ही कोलकाता मुंबई के मुक़ाबले प्लेग से ज्यादा अच्छे ढंग से निपट सका।
मुंबई में डॉक्टर एकेसियो गैब्रिएल वेगस ने कभी शहर को प्लेग जैसी महामारी से बचाने के लिए दिन रात एक कर दी थी। उन्होंने ही शहर में प्लेग को सबसे पहले पहचाना था।
समाज की सोच किस तरह से बदलती है, इसका एक अच्छा उदाहरण मशहूर लेखक, उपन्यासकार और नाटककार रोम्यां रोलाँ से जुड़ा है, जिन्हें 1918 में स्पैनिश फ्लू की महामारी ने दबोच लिया था।