शिवपाल सिंह यादव क्या यूपी में बीजेपी के नये संकटमोचक होंगे? क्या वे यूपी में डूबती बीजेपी को बचाएँगे ? क्या शिवपाल मायावती और अखिलेश यादव के संभावित गठबंधन की काट होंगे? ये सवाल आज सुबह से ही मेरे मन में उछल-उछल कर शोर मचा रहे हैं। कह रहे है कि शिवपाल के लिए अपने अपमान का बदला लेने का वक़्त आ गया है। वो अपने भतीजे अखिलेश को भूले नहीं है जिसने यूपी चुनाव के ठीक पहले चाचा को पैदल कर दिया। उन चाचा को जो अब तक बडे भाई मुलायम सिंह यादव के हनुमान बने हुए थे। राज्य में मुलायम और अखिलेश यादव के बाद सबसे पावरफुल नेता थे। उनकी तूती बोलती थी। उनका कहा पत्थर की लकीर था। पर भतीजे ने ऐसा धोबीपाट मारा कि चाचा चारों खाने चित हो गए। अपनी हैसियत बचाने के लिए छटपटाने लगे। उनकी हालत जल बिन मछली की हो गई। ऐसे में पिछले दिनों जब ये अफ़वाह उड़ी कि बीजेपी से वे गलबहिया कर रहे हैं तो लोगों को हैरानी नहीं हुई ।