पांच राफ़ेल लड़ाकू विमानों के अंबाला वायु सैनिक अड्डे पर 29 जुलाई को पहुंचने के कार्यक्रम का जब से खुलासा हुआ, खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और इससे प्रेरणा लेकर प्रिंट मीडिया के भी एक वर्ग ने, इसका ऐसा चित्रण किया जैसे कि इसके भारत पहुंचते ही चीन इससे आतंकित हो कर भारत के सामने झुक जाएगा।
क्या सिर्फ़ पांच राफ़ेल से डर जाएगा चीन?; उन्मादी दिखा भारतीय मीडिया
- विचार
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- 30 Jul, 2020

राफ़ेल को टीवी चैनलों पर गेम चेंजर यानी युद्ध में खेल का पासा पलटने वाला बताया गया और इसकी क्षमताओं का इस तरह बखान किया कि जैसे इसके सामने चीन की सारी हवाई ताक़त ध्वस्त हो जाएगी। लेकिन इस सच्चाई पर चर्चा कम ही की गई कि कैसे भारतीय वायुसेना में 42 स्क्वाड्रनों की वांछित संख्या घटकर 28 रह गई है और यदि चीन के साथ पाकिस्तान ने भी भारत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया तो भारत के लिए दोहरी मार झेलना विनाशकारी साबित होगा।
चैनलों पर तो कहा गया कि राफ़ेल से चीन और पाकिस्तान कैसे दहल गये हैं। टीवी चैनलों पर चले बहस कार्यक्रमों में भी वायुसेना के पूर्व अधिकारी इसकी खासियतों का बखान इस तरह करते दिखे जैसे कि राफ़ेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होते ही चीन अपना आक्रामक रवैया त्याग देगा। राफ़ेल को टीवी चैनलों पर गेम चेंजर यानी युद्ध में खेल का पासा पलटने वाला बताया गया और इसकी क्षमताओं का इस तरह बखान किया कि जैसे इसके सामने चीन की सारी हवाई ताक़त ध्वस्त हो जाएगी।