अमित शाह ने कल संसद में डॉक्टर आंबेडकर का अपमान किया और उनके नाम का मज़ाक उड़ाया। यह सिर्फ़ ऐसे ही नहीं हो गया, असल में इस तस्वीर (ऊपर) को आप ग़ौर से देखें तो अमित शाह के सिर पर विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर है। अमित शाह सावरकर के रास्ते पर चलना चाहते हैं। और डॉक्टर आंबेडकर ने सावरकर की घनघोर आलोचना और निंदा की है।
सावरकर के घोर विरोधी आंबेडकर को शाह कैसे पसंद कर सकते हैं?
- विचार
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- 18 Dec, 2024

अमित शाह की आंबेडकर को लेकर आख़िर क्या सोच है? गृहमंत्री शाह सावरकर की विचारधारा पर चलते हैं और उनके घोर समर्थक हैं, जबकि आंबेडकर सावरकर के घनघोर आलोचक थे। ऐसे में अमित शाह आंबेडकर को लेकर क्या सोचते होंगे!
जो आदमी सावरकर को पसंद नहीं करता हो उसे अमित शाह कैसे पसंद कर सकते हैं?
डॉक्टर आंबेडकर सावरकर के हिंदुत्व के विचार के घोर विरोधी थे। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि सावरकर और ज़िन्ना एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सावरकर हिंदू राष्ट्र की माँग करके अपने आप एक पाकिस्तान बनाने का रास्ता खोल रहे हैं। सावरकर ने जानबूझकर भारतीयता की ऐसी परिभाषा गढ़ी है जिससे मुसलमान और ईसाई इससे बाहर हो जाएं। डॉक्टर आंबेडकर का स्पष्ट कहना था कि अगर देश में हिन्दू राज लागू हो गया तो देश पर बहुत बड़ा ख़तरा आ जाएगा।