10 से 50 साल की महिलाएँ सबरीमला मंदिर के अंदर जा सकती हैं या नहीं, इस मुद्दे पर अब सर्वोच्च न्यायालय के 7 जजों की बेंच अपना फ़ैसला देगी। पिछले साल पांच जजों की बेंच ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी थी। इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ बहुत से धार्मिक संगठनों और मौक़ापरस्त राजनीतिक दलों ने भी आवाज़ उठाई थी। उसके बाद अदालत में 65 याचिकाएं भी लगाई गईं, जिनमें से कुछ में कहा गया कि मंदिरों में ही क्यों, मसजिदों और पारसियों की अगियारी में भी महिलाओं को अंदर जाने की इजाजत मिलनी चाहिए।
सबरीमला: अनुयायियों को अंधविश्वास, पाखंडों से मुक्त करें धर्मगुरु
- विचार
- |
- |
- 17 Nov, 2019

यह बहुत अच्छा हुआ कि देश की सभी महिलाओं के लिए अब समान अधिकार के दरवाजे खोलने की मांग उठी है। भगवान की आराधना में भेद-भाव पैदा करने वाली कोई भी परंपरा कोरे पाखंड के अलावा कुछ नहीं है। सभी धर्मों के ठेकेदारों को चाहिए कि वे अपने अनुयायियों को इन पाखंडों से मुक्त करें। यह, अदालतों का नहीं, उनका फर्ज है।