नागरिकता संशोधन क़ानून के विरुद्ध देश में इतना बड़ा आंदोलन उठ खड़ा होगा, इसकी कल्पना नरेंद्र मोदी और अमित शाह को क्या, कांग्रेसियों और कम्युनिस्टों को भी नहीं होगी। यदि अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया के छात्र भड़क उठे हैं तो बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी और देश के अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र भी इस क़ानून के विरुद्ध मैदान में उतर आए हैं।