देश इन दिनों एक साथ तीन किस्म के शिगूफों का सामना कर रहा है। एक सिमरनजीत सिंह मान ने शिगूफा दिया है कि खालिस्तान बनना चाहिए। दूसरा पटना पुलिस ने सिमी के इनर सर्कुलर के हवाले से देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की पीएफआई की कोशिश को उजागर किया है। और, तीसरा है हिन्दू राष्ट्र- जिस बारे में कोई ऐसा दिन नहीं होता जब बीजेपी के समर्थक आवाज़ बुलन्द नहीं करते।
इस्लामिक राष्ट्र हो या हिन्दू राष्ट्र, दोनों ही माँगें ग़लत!
- विचार
- |
- |
- 19 Jul, 2022

खालिस्तान या फिर भारत को इस्लामिक राष्ट्र या हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग करने वालों पर सरकार को सख़्त कार्रवाई करने की ज़रूरत है।
खालिस्तान, इस्लामिक राष्ट्र या हिन्दू राष्ट्र को शिगूफा कहने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि यह देश संविधान से चल रहा है। चुने गये सारे प्रतिनिधि या देश के ओहदेदार संविधान की शपथ लेते हैं। संविधान की शपथ लेते ही खालिस्तान, इस्लामिक राष्ट्र या हिन्दू राष्ट्र जैसी सोच हवा हो जाती है।
संविधान का यही महत्व है और इसी महत्व के कारण संविधान पर लगातार चोट करने की कोशिशें हो रही हैं। यहां तक कि बीजेपी का थिंक टैंक कहा जाने वाला एक धड़ा लगातार इसके लिए अभियान भी चला रहा है। पुराने कानूनों को बकवास बताने के नाम पर संविधान बदलने की बात की जा रही है।