आखिर, रामचरित मानस पर उठा विवाद समाप्त क्यों नहीं हो रहा है? पहले बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर ने नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में रामचरित मानस को मनुस्मृति और गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स की तरह नफ़रत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। भाजपा द्वारा विरोध करने पर आरजेडी कोटे के मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरित मानस के उत्तर कांड की चौपाई 'जे बरनाधम तेलि कुम्हारा, स्वपच किरात कोल कलवारा!' उद्धृत करते हुए अपनी बात को और पुख्ता तौर पर पेश किया।