कर्नाटक चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार सबसे मजबूत मुद्दे बनकर उभरे हैं।  तमाम चुनावी सर्वे कर्नाटक में भाजपा विरोधी लहर और कांग्रेस को बढ़त दिखा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर पाबंदी के वादे को भाजपा ने साम्प्रदायिक रंग दे दिया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजरंग दल को बजरंगबली के साथ जोड़ते हुए चुनाव प्रचार को लगभग साम्प्रदायिक उन्माद में तब्दील कर दिया है! बुनियादी मुद्दों और भाजपा सरकार की असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए नरेंद्र मोदी का यह चिर परिचित नुस्खा है। हालांकि यह समझना जरूरी है कि कांग्रेस ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा क्यों किया है?