अब से 30 साल पहले जब बाबरी मसजिद विवाद ने बहुत जोर पकड़ लिया था, तब नरसिंहराव सरकार बाबरी मसजिद के विवाद को तो हल करना चाहती थी, लेकिन इस तरह के शेष सभी विवादों को विराम देने के लिए वह 1991 में एक क़ानून ले आई। इस क़ानून के मुताबिक़, देश के हर पूजा और तीर्थ स्थल जैसे हैं, उन्हें वैसे ही बनाए रखा जाएगा, जैसे कि वे 15 अगस्त 1947 को थे।