भारत ने समग्र क्षेत्रीय आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। यह इसलिए क्योंकि इसको आरसीईपी के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति है। इसमें से एक प्रावधान डेरी उत्पादों से जुड़ा हुआ है। भारतीय उद्योगों का मानना है कि अगर भारत इस समझौते में शामिल होता है तो देश के किसान बर्बाद हो जाएँगे। भारत में आशंका जताई जा रही थी कि समझौते में शामिल हो रहा न्यूज़ीलैंड अपने सस्ते डेरी उत्पाद भारत में पाट देगा और यहाँ के पशुपालक किसान इसका मुक़ाबला नहीं कर सकेंगे।