आज़ादी से ठीक पहले मोहनदास करमचंद गाँधी यानी महात्मा गाँधी दिल्ली में दलित बस्ती में जाकर रहने लगे थे और वहीं मंदिर में प्रार्थना करते थे। गाँधी की प्रार्थना सभा में 6 चीजें होती थीं। इनमें - 1-बौद्ध धर्म का जापानी भाषा का मंत्र, 2- संस्कृत भाषा में भगवद् गीता के श्लोक, 3- अरबी भाषा में क़ुरान से एक कलमा, 4- फारसी भाषा में जरथ्रुश्त धर्म का मंत्र, 5- हिंदी या किसी भी प्रांतीय भाषा में भजन और 6- राम नाम की धुन शामिल थीं। यह प्रार्थनाएं दलित बस्ती में बने वाल्मीकि मंदिर में होती थीं।
जब आरएसएस से प्रभावित युवकों ने गाँधी जी से मंदिर से निकल जाने को कहा
- विचार
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- 3 Nov, 2019

आख़िर क्यों कुछ युवकों ने महात्मा गाँधी की प्रार्थना सभा का विरोध किया। विरोध पर गाँधी प्रार्थना सभा छोड़कर चले जाते थे लेकिन अगले दिन वह फिर पहुंच जाते थे।
1 अप्रैल, 1947 को बौद्ध मंत्र व भगवत गीता का श्लोक ख़त्म होने के बाद कुमारी मनु गाँधी के मुंह से ज्यों ही क़ुरान के कलमे का पहला शब्द निकला, प्रार्थना में से एक युवक खड़ा होकर चिल्लाने लगा। युवक ने कहा, “बस, बस, बंद कीजिए, बहुत हो गया। अब हम यह नहीं बोलने देंगे, बहुत सुन लिया।”