2019 में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के पहले ही दिन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज होना कोई साधारण घटना नहीं है। विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का दावा करने वाले देश भारत में उसी दिन विद्यार्थियों की आवाज को कुचला गया, जिस दिन लोकतंत्र के प्रहरी लोकसभा के वातानुकूलित कमरों में देश की आम अवाम के दुखदर्द पर चर्चा की शुरुआत करने वाले थे और जेएनयू के विद्यार्थी बढ़ी फीस का दुखड़ा लेकर संसद भवन तक पहुंचना चाहते थे।
जेएनयू के विद्यार्थियों पर बर्बरता, लाठीचार्ज क्यों?
- विचार
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- 19 Nov, 2019

जेएनयू में फीस बढ़ने के डर से वंचित तबके के विद्यार्थी घबराए हुए हैं कि कहीं ऐसा न हो कि उन्हें बीच में पढ़ाई छोड़नी पड़ जाए लेकिन पुलिस उन्हें पीट क्यों रही है?