आठ सितंबर को राहुल गांधी अमेरिका में टेक्सस प्रांत के डलास शहर में उन बीस-पच्चीस युवाओं के दुख-दर्द सुन रहे थे जो नौकरी-रोज़गार की तलाश में बिना काग़ज़ातों के अपार तकलीफ़ें सहते हुए ‘डंकी’ रूट से अमेरिका पहुँचे थे। इस दुस्साहसपूर्ण काम में उन्हें कई देशों से गुजरना पड़ा था। राहुल की डलास यात्रा सिर्फ़ एक दिन की थी और कई कार्यक्रम भी थे पर उन्हें जब इन युवाओं के संघर्षपूर्ण जीवन के बारे में पता चला तो अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद उनसे मिलने के लिए वक्त निकल लिया।
राहुल को किसने हराया, मतदाताओं ने या कांग्रेस ने?
- विचार
- |
- |
- 9 Oct, 2024

राहुल गांधी जब अपनी ‘डंकी’ में खोए हुए थे, ये नेता टिकटों के बँटवारे और मुख्यमंत्री का पद हथियाने के लिए कांग्रेस में डंकी रास्ते तलाश कर रहे थे।
हरियाणा के युवाओं ने राहुल से अपने संघर्ष की कहानियाँ साझा की थीं और अपने गृह-राज्य में युवाओं की बेरोज़गारी की स्थिति से उन्हें अवगत कराया था। इन युवाओं से बातचीत ने राहुल को विचलित कर दिया था। भारत वापस लौटते ही वे सबसे पहले उस एक युवक के परिवार से मिलने सुबह-सुबह उसके घर करनाल पहुँच गए जो डलास में उन्हें मिला था। राहुल ने उसके परिवार के साथ काफ़ी समय बिताया और वीडियो कॉल के ज़रिए अपनी मौजूदगी में उसकी परिवार के लोगों से बात करवाई।